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H3N2 वायरस: क्या है, लक्षण और बचाव के उपाय

H3N2 वायरस: क्या है, लक्षण और बचाव के उपाय

पिछले कुछ महीनों से एक विशेष प्रकार के वायरस ने लोगों के स्वास्थ्य को प्रभावित किया है। स्कूलों और कार्यालयों में अनुपस्थिति बढ़ गई है, और आप सभी ओर लोगों को खांसते, छींकते और बुखार से पीड़ित देख सकते हैं। मेदांता गुरुग्राम की वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. सुशीला कटारिया इस वायरस के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी साझा कर रही हैं।

H3N2 वायरस क्या है?

H3N2 एक प्रकार का इन्फ्लुएंजा वायरस है। डॉ. कटारिया बताती हैं कि इन्फ्लुएंजा वायरस एक RNA वायरस होता है, जिसके तीन मुख्य प्रकार होते हैं - A, B और C। इनमें से टाइप A सबसे आम है और इसके अंतर्गत ही H3N2 आता है।

वायरस की संरचना में, उसके अंदर DNA पार्टिकल होता है और बाहरी खोल पर प्रोटीन पाए जाते हैं। इन्फ्लुएंजा वायरस में दो महत्वपूर्ण प्रोटीन होते हैं:

  • H (हीमैग्लूटिनिन): इसकी 1 से 18 तक विभिन्न प्रकार की संख्या हो सकती है

  • N (न्यूरामिनिडेज): इसकी 1 से 11 तक विभिन्न संख्या हो सकती है

इन दोनों प्रोटीन के विभिन्न संयोजनों से हजारों प्रकार के वायरस बन सकते हैं। इसीलिए जब मौसम बदलता है, तो हमें अलग-अलग प्रकार के वायरस से संक्रमण हो जाता है। चूंकि H और N के संयोजन लगातार बदलते रहते हैं, इसीलिए हमें हर साल नया फ्लू वैक्सीन लगवाना आवश्यक होता है।

H3N2 के प्रमुख लक्षण

H3N2 संक्रमण के लक्षण सामान्य फ्लू की तुलना में अधिक गंभीर होते हैं। डॉ. कटारिया के अनुसार, इनमें शामिल हैं:

  • तेज बुखार

  • शरीर में दर्द

  • सिरदर्द

  • जुकाम

  • खाँसी

कुछ गंभीर मामलों में, विशेषकर कमजोर प्रतिरक्षा वाले व्यक्तियों में, श्वसन संबंधी परेशानी (रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस) भी हो सकता है। एक महत्वपूर्ण बात यह है कि H3N2 से संक्रमित कई लोगों में खांसी 2-3 हफ्तों तक बनी रह सकती है, जो सामान्य फ्लू की तुलना में अधिक समय है।

H3N2 का इलाज

डॉ. कटारिया स्पष्ट करती हैं कि अधिकांश इन्फ्लुएंजा वायरस सेल्फ-लिमिटेड होते हैं, यानी वे समय के साथ अपने आप ठीक हो जाते हैं। इनका इलाज मुख्य रूप से कंजरवेटिव (सामान्य) तरीके से किया जाता है:

  • पर्याप्त आराम करें

  • बहुत सारे तरल पदार्थ पिएँ

  • पैरासिटामोल जैसी दवाओं से बुखार और दर्द का प्रबंधन करें

  • लक्षणों के अनुरूप अन्य उपचार लें

इन उपायों से अधिकांश लोग कुछ दिनों में ठीक हो जाते हैं। हालांकि, उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों को विशेष ध्यान की आवश्यकता होती है। इनमें शामिल हैं:

  • छोटे बच्चे

  • 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोग

  • कमजोर प्रतिरक्षा वाले व्यक्ति

  • दूसरी गंभीर बीमारी वाले व्यक्ति 

इन उच्च जोखिम वाले समूहों के लिए, डॉक्टर ओसेल्टामिविर (Oseltamivir) जैसी एंटीवायरल दवाएं निर्धारित कर सकते हैं।

कुछ मामलों में जहां खाँसी लंबे समय तक बनी रहती है, चिकित्सक निम्न उपचार सुझा सकते हैं:

  • एंटी-एलर्जिक दवाएँ

  • ब्रोंकोडाइलेटर्स

  • नेबुलाइजेशन थेरेपी

डॉ. कटारिया एक महत्वपूर्ण बात पर जोर देती हैं: वायरल संक्रमण में एंटीबायोटिक्स का उपयोग बहुत सीमित होना चाहिए। केवल तभी एंटीबायोटिक्स की आवश्यकता हो सकती है जब बैक्टीरियल संक्रमण का संकेत मिले, जैसे पीला या हरा बलगम आना। उनका स्पष्ट निर्देश है कि गले में खराबी या सामान्य खाँसी-जुकाम के लिए अपने आप एंटीबायोटिक्स न लें। क्योंकि यह एक वायरल संक्रमण है इसमें एंटीबायोटिक्स असर नहीं करती हैं।

H3N2 से होने वाली जटिलताएं

हालांकि अधिकांश लोग H3N2 संक्रमण से अच्छी तरह उबर जाते हैं, कुछ लोगों में गंभीर जटिलताएं हो सकती हैं। ये जटिलताएं आमतौर पर निम्न समूहों में देखी जाती हैं:

  • कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले व्यक्ति

  • बुजुर्ग (65 वर्ष से अधिक उम्र के)

  • 2 वर्ष से छोटे बच्चे

इन समूहों में, H3N2 संक्रमण श्वसन संबंधी परेशानी (रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस) का कारण बन सकता है। कुछ मामलों में, लंबे समय तक फेफड़ों के कार्य में कमी भी देखी जा सकती है।

H3N2 से बचाव के उपाय

डॉ. कटारिया बताती हैं कि H3N2 वायरस से बचाव के लिए वही सावधानियां बरतनी चाहिए जो हम पिछले कुछ वर्षों से कोविड-19 के दौरान अपना रहे हैं:

  • भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर मास्क पहनें

  • यदि आप संक्रमित हैं, तो घर पर रहें और आराम करें ताकि दूसरों तक संक्रमण न फैले

  • अच्छी स्वच्छता बनाए रखें, विशेष रूप से हाथों की सफाई

  • सबसे महत्वपूर्ण - हर साल फ्लू का टीकाकरण करवाएं

डॉ. कटारिया का मानना है कि इन छोटी-छोटी सावधानियों का पालन करके हम न केवल H3N2 बल्कि अन्य श्वसन वायरस से भी अपना बचाव कर सकते हैं और स्वस्थ रह सकते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

क्या H3N2 वायरस कोविड-19 की तरह खतरनाक है?

H3N2 वायरस और कोविड-19 अलग-अलग वायरस हैं। H3N2 एक इन्फ्लुएंजा वायरस है जो आमतौर पर सेल्फ-लिमिटेड होता है, लेकिन कुछ उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों में गंभीर हो सकता है।

क्या H3N2 वायरस के लिए एंटीबायोटिक्स लेना चाहिए?

नहीं, वायरल संक्रमण में एंटीबायोटिक्स का उपयोग बहुत सीमित होता है। केवल डॉक्टर की सलाह पर ही एंटीबायोटिक्स लें, विशेष रूप से तब जब बैक्टीरियल संक्रमण का संदेह हो (जैसे पीला या हरा बलगम)।

H3N2 वायरस का संक्रमण कितने दिनों तक रहता है?

अधिकांश लोगों में लक्षण 5-7 दिनों में ठीक हो जाते हैं, लेकिन कुछ लोगों में खाँसी 2-3 हफ्तों तक बनी रह सकती है।

क्या हर साल फ्लू का टीका लगवाना जरूरी है?

हां, H3N2 जैसे इन्फ्लुएंजा वायरस के विभिन्न स्ट्रेन हर साल बदलते रहते हैं, इसलिए वार्षिक टीकाकरण महत्वपूर्ण है।

H3N2 वायरस के संक्रमण में किन लोगों को अधिक सावधानी बरतनी चाहिए?

छोटे बच्चे (विशेष रूप से 2 वर्ष से कम उम्र के), 65 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्ति, और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों को अधिक सावधानी बरतनी चाहिए और लक्षण दिखाई देने पर तुरंत चिकित्सकीय सलाह लेनी चाहिए।

क्या H3N2 वायरस के लिए घरेलू उपचार प्रभावी हैं?

आराम, पर्याप्त तरल पदार्थ लेना, और पैरासिटामोल जैसे बुखार कम करने वाली दवाएँ लेना लाभकारी हो सकता है। हालांकि, अगर लक्षण गंभीर हों या लंबे समय तक बने रहें, तो डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।

This blog has been converted from the Youtube video- H3N2 वायरस के बारे में संक्षिप्त जानकारी | डॉ. सुशीला कटारिया | मेदांता गुरुग्राम

Dr. Sushila Kataria
Internal Medicine
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